MALOOK PEETH SWAMI SHRI Dr RAJENDRA DAS JI MAHARAJ
।। श्री सीताराम ।।
संक्षिप्त परिचय
फोटो : मलूक पीठाधीश्वर स्वामी जी
*श्री स्वामी राजेंद्रदास जी महाराज 'मलूक पीठ'*
श्री मलुक पीठ जी सत्य और विश्वास की आत्मा है। वह प्रकृति की वास्तविक सुंदरता का वर्णन करते हैं । उनके वचन आपको भगवान के प्रति आपकी सच्ची भावनाओं को समझायेंगे। एक भक्त की भक्ति उसके जीवन की यात्रा का मुख्य बिंदु है। कई पवित्र संतों, गुरुओं तथा ऋषियों ने अपने दिव्य ज्ञान, प्राचीन ग्रंथों का ज्ञान और आध्यात्मिक ज्ञान के साथ दुनिया को आशीर्वाद दिया है। ऐसे ही ऋषि मुनियों के समरूप मलूक पीठ के पीठाधीश श्री राजेंद्र दास जी महाराज है, और उनका अलौकिक चिंतन और मनन हर प्राणी मात्र की सुख समृद्धि के लिए समर्पित है।
*जीवन चरित*
महाराज जी बड़े ही प्रखर वक्ता है, और उनके मुख से राम कथा का उच्चारण सुनना बड़े सौभाग्ये की बात है। महाराज जी की मुख्य बात ये है कि वो बड़ी सरल और सुँदर भाषा से राम कथा का व्याख्यान करते है।
भगवान के प्रति पूर्ण समर्पण ने उन्हें ज्ञानी और दिव्य व्यक्तित्व के रूप में स्थापित किया है। वे संस्कृत भाषा और श्रीमद्भगवत पुराण की भाषा में विशेष ज्ञान रखते हैं।
जब कोई उनके कथन और भजन सुनता है, तो वो राम कथा के लिए प्यार करता है और अपने आसपास और भीतर आनंद महसूस करता है। ऐसा कोई मनुष्य नहीं जिसने उन्हें सुना और मंत्रमुग्ध नहीं हुआ। सभी भक्त उनके वर्णन की प्रशंसा करते हैं। जो व्यक्ति उनको सुनता है, वह जीवन के सभी कष्टो और निराशा से विमुक्त हो जाता है। जैसा कि सभी सुनने वाले बताते है कि वातावरण में निर्मित जादू को महसूस किया जा सकता है; ज्ञान, भक्ति, दिव्यता चारों ओर फैल जाती है और सबको परमात्मा आनंद की खुशी महसूस होती है जो कि अनन्त सत्य है। हर बार जब आप उनके कथन को सुनने का विशेषाधिकार प्राप्त करेंगे, तो हर बार वह एक नया और ताज़ा आयाम देता है, जहां आपको लगता है कि आप इसे पहली बार अनुभव कर रहे हैं। इनका जन्म ओरछा (जिला टीकमगढ़) मध्य प्रदेश के निकट एक छोटे से गांव आचर्रा (वर्तमान समय में नाम परिवर्तित हो कर "श्री आचार्य धाम") में भारद्वाज गोत्रीय अध्वर्यु कुल में हुआ था । इनके पिताजी का नाम पण्डित श्री रामस्वरूप जी तथा माताजी श्रीमती वृजलता अध्वर्यू जी हैं ।
*गोसेवा - मलूक पीठ गोशाला*
श्री मलूक पीठ से कुछ किलोमीटर आगे स्थित वृंदावन परिक्रमा मार्ग के साथ स्थित 'मलूक पीठ गोशाला' सबको गौमाता की सेवा का अवसर प्रदान करता है। सुरभि श्याम गौशाला एक गौ तीर्थ है जो यमुना एक्सप्रेस मार्ग राजमार्ग पर अलीगढ़ मथुरा रोड की उत्तर दिशा में स्थित है और 2.5 एकड़ भूमि क्षेत्र में फैला है। जहां 14 पूरी तरह से आरामदायक शेड होते हैं जिसमें 650 से अधिक गाय 'राजमाता' जैसी रहती हैं जहां 7 खुले और स्वस्थ यौगिकों में पूर्ण देखभाल के साथ गिर गायों के समूह वहां प्रजनन करते हैं। जहां प्रत्येक गाय की दैनिक जाँच की जाती है और जरूरतमंद उपचार प्रदान किया जाता है।
*शास्त्र सेवा*
कई वर्षों से गुरुकुल में छात्रों को वैदिक जीवन जीना,संस्कृत भाषा और शास्त्रीय संगीत सिखाया जा रहा है, मलूक पीठ की अनेक सेवा कार्यो में अग्रसर है जिनमे गौ सेवा और शिक्षा कार्य प्रमुख है। महाराज जी का मुख्य उद्देश्य सभी को शिक्षा प्राप्त कराना और गौ रक्षा करना है।
*साधु सेवा*
श्री मलूक पीठ से आगे कुछ किलोमीटर स्थित वृंदावन परिक्रमा मार्ग के साथ स्थित मलूक पीठ गोशाला सबको अवसर प्रदान करता है ताकि वे गौमाता कि सेवा कर सके ।
*सुरभि श्याम गोशाला गोवर्धन मथुरा*
"सुरभि श्याम गोशाला" गोवर्धन, मथुरा में गायों और बैल को प्रसन्न करके, आप एक साथ कृष्ण और बलराम को एक साथ प्रसन्न करते हैं। आप वस्तुतः उनके गोपा और गोपी में से एक हो जाते हैं क्योंकि आप उनकी प्यारी गायों की देखभाल में मदद करते हैं।
गायों को विभिन्न प्रकार के घास और अन्य चारा के साथ खिलाया जाता है। सूखी घास के अलावा, मकई घास और 'हसी घास' या 'हाथी घास' नामक एक प्रकार की घास है। इसके अलावा, गायों को कुचल गेहूं, गुड़ (गुरु) और खली (सोयाबीन बीज से तेल निकालने के बाद अवशेष) खिलाया जाता है। गायों की सभी चिकित्सा आवश्यकताओं को अच्छी तरह से ध्यान रखा जाता है। गाय का दूध देवता के लिए मीठी खीर और अन्य प्रसाद बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। 1996 में आध्यात्मिक प्रेरणा के साथ गौ सेवा यात्रा केवल 21 गायों के साथ शुरू हुई। आज 15 साल की ईमानदारी से गौ सेवा कई लोगों के दिलों में अपनी जगह बना चुकी है।
इसके अलावा स्वास्थ्य और भोजन के रख-रखाव का सख्ती से ध्यान रखा गया है। यहां गाय दुग्ध केवल आय के स्रोत के लिए ही नहीं बल्कि पांच तत्वों - दूध, दही, घी, गाय मूत्र (गौमूत्र) और गाय डंग जैसे पंच ग्रावों को चिकित्सकीय रूप से इस्तेमाल किया जाता है। यही भावना हर घर में गाय की परवरिश कर रही है और घर-घर में फिर से गौपालन की धारणा को स्थापित कर रही है। सुरभि श्याम गोशाला में गाय की सेवा के साथ गोमूत्र चिकित्सा कार्यालय के केंद्र भी चल रहे हैं। इस कार्य के द्वारा मानव स्वास्थ्य के लिए पवित्र सेवा भी चल रही है ताकि समाज खुद को गाय से जोड़ सके।
*आपसे एक विनती है कि आप जो जहाँ भी रहे अपनी स्थिति के अनुरूप गौसेवा अवश्य करें ।*
श्री सीताराम
Yeh To Shakhyt Bhagwan Hai unke baare mein hum kya bol sakte hain Jeevan kartart ho gaya... Radhe Radhe 👏🙏🙏🙏🙏
जवाब देंहटाएंDandvat pranam
जवाब देंहटाएंMahraj ji ko dandvat pranam
जवाब देंहटाएंMaharaj ji ki day to day( new) Katha ke videos kispe sunne ko milege
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
हटाएंपूज्य महराज जी के दर्शन की अभिलाषा है
जवाब देंहटाएंसंत भगवान के श्रीचरणों में दण्डवत प्रणाम🙏🙏🙏🙏
जवाब देंहटाएंगुरुजी को मेरा प्रणाम है।
जवाब देंहटाएंगुरुजी की प्रतिदिन की कथा को कहाँ पर नित्य पाया जा सकता है।
सम्भव हो तो फोन 7905044300 पर भी बता दें या व्हात्शाप से भेज दिया करें।
अरुण पाठक
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हटाएंपूज्यश्री को दंडवत प्रणाम महाराजश्री के अगले सत्संग कार्यक्रम की जानकारी कैसे पता चले कृपया जानकारी दें
जवाब देंहटाएंपूज्यश्री को दंडवत प्रणाम महाराजश्री के अगले सत्संग कार्यक्रम की जानकारी कैसे पता चले कृपया जानकारी दें
जवाब देंहटाएंगुरु देव प्रणाम में आप को अपना गुरु बना ना चाहता हु आप मुझे अपना शिष्य स्वीकार करे । जय श्री राम आप से बात मिलना चाहता हु आप कही पर भी बुला सकते है में इंदौर मध्य प्रदेश से हु ।मेरा नम्बर है 9755556969
जवाब देंहटाएंRadhe radhe maharajje ko dandvat pranam mene apne param pujya sadgurdev 2 mahapuruso ko bhotik roop se nahi dekha unhe maharajje ne dekha he isliye maharajje ke Datsun ke Lalsa he. Me Gwalior m.p. me that's ho. SAP mughe nahi par bhe bula sakte he.aapka nitya sevak . Mo 7697908848
जवाब देंहटाएंGuruji Bhagwan ka roop hai unko samj ne wala cheye
जवाब देंहटाएंRajendra das ji maharaj ka darsan karke ek nayi urja milti milti he
जवाब देंहटाएंPrabhu
जवाब देंहटाएंPrathna Purvak Pranam
7 to 11 nov. Guru malook peeth me mil sakte hai kya jay shree sita ram
जवाब देंहटाएंJay Jay हे परम पूजनीय भगवन आपके श्री चरणो में कोटि-कोटि नमन आपकी कृपा सदैव अपने भक्तों पर बनी रहे यह प्रभु जहां जहां आप की कथा होती है मोबाइल पर ही कथासुन से लेता हूं ब्रजभूमि में आपसे श्री चरणों का आशीर्वाद प्राप्त हुआ था श्री भगवान सदा कृपा बनाए रखना
जवाब देंहटाएंWest Bengal se meri baba (kajal Ash/ krishnadas)19.1.2019 se gharse nikle, fir wapas nehi aye.. Mathura me diksha liye hai..maharaj ji ke Katha bohot priyo hai unke.. Agar wanha apke ashram par gaye hai krishnadas / kajal ash naam ka kkoyi to kripaya 8918746211 number pe contact kare... Radhe radhe.
जवाब देंहटाएंMaharaj ji no sashtang naman....
जवाब देंहटाएंMaharaz Sri ke charno mein dandwat saastaang praanaam maharaz Sri se is jiwan me ek baar agar baat ho sake to jiwan dhanya ho jaaye aapka bhaqt Jo gadhe ke roop mein malyagiri chandan ko aaj bhi bhaar samajhta hai Maharaz Sri kripa karain 9934072747
जवाब देंहटाएंApko dandwat pranam maharaj ji AAP se nivedan hai ki Mai shubham Dwivedi apke Marg me chalne ka echhuk hun
जवाब देंहटाएंPranaam Maharaj jee.
जवाब देंहटाएंपरम् पूज्य गुरुदेव को कोटि कोटि राधे राधे एवं साष्टांग प्रणाम 🙏🙏🙏🌹🌷🌹
जवाब देंहटाएंHe is great philosopher Saint and social worker. I want to meet.
जवाब देंहटाएंHe is great philosopher Saint and social worker. I want to meet.
जवाब देंहटाएंमित्र वह जो कल्याण का मार्ग प्रशस्त करदे । नश्वर नहीं शाश्वत सत्यानन्द से भरदे । मित्र दिवस की अनन्त मंगल कामनाएं । 🙏🌹🌹🌹🌹, कोटि कोटि दंडवत सादर प्रणाम । श्री राम जय राम जय जय राम, संतन दरश करावे नाम, श्री राम जय राम जय जय राम 🌹🌹🌹🌹🙏
जवाब देंहटाएंगुरु देव मुझे अपने चरनो की भक्ति प्रदान करें जय गो माता जय गोपाल
जवाब देंहटाएंJai Sita Ram
जवाब देंहटाएंSastang danwat pranam
जवाब देंहटाएंश्री गुरूजी को चरण स्पर्श
जवाब देंहटाएंमुझे गुरूजी का जन्म दिनाक ओर वर्ष जानने की ईछा हे
Radhe radhe guru ji
जवाब देंहटाएंVandanam
जवाब देंहटाएंजय गौ माता जय गोपाल
जवाब देंहटाएंओरछा तो वीरों की भूमि है वहाँ सन्यासी कैसे पैदा हो गए .
जवाब देंहटाएं🌹🌹स्वामी जी के श्री चरणों में शत शत नमन🙇🙏
जवाब देंहटाएं🙏🌹सादर प्रणाम🙇🙏
जवाब देंहटाएंआपको बारम बार प्रणाम आप इस धरती पे भगवान है
जवाब देंहटाएंपूज्य महाराज श्री के अमूल्य बचनों से मैं अत्यंत प्रभावित हूं,जिसे शब्दों में नहीं कहा जा सकता है। पूज्य श्री के चरणों में साष्टांग दण्डवत। श्री सीताराम नाम में मेरा निश्छल अनुराग बढ़े , मैं अहर्निश नाम रटता रहूं ,कृपा पूर्वक मुझे ऐसा आशीर्बाद दिया जाय, ताकि मुझ अधम,पतित और अज्ञानी जीव का भी कल्यान हो जाय।
जवाब देंहटाएंमहाराज जी को सादर प्रणाम 🙏 महाराज जी मंत्र दीक्षा देते हैं
जवाब देंहटाएंमैं महाराज जी का प्रथम प्रवचन हरिद्वार कुंभ के अवसर परtv पर सुना।
जवाब देंहटाएंइनकी विद्वतापूर्ण प्रवचन प्रवाह हमें झकझोर दिया।
मै अनेक संत का प्रवचन कथा सुना हूँ।
इनकी कथा रामसुख दास जी के समतुल्य लगा।
कभी हमारे गांव में पधार कर कृपा करना चाहेंगे
सादर प्रणाम
हरि ओम।
गुरु देव के चरणो में कोटि कोटि प्रणाम!
जवाब देंहटाएंराम नाम
जवाब देंहटाएंGuru hi God ha radhey radhey
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